
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में एक योजना प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा की है। इस स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है। ये योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरी के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। इस योजना में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले सब से गरीब 25% लोगों के लिए एक फाइनैंशल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा।
इस योजना का लाभ ऐसे लोगो को मिलेगा जैसे घरो में काम करने वाले नौकर, ड्राइवर, प्लम्बर, बिजली फिटिंग करने वाले लोग, बड़ई आदि जिकी आय 15 हजार रूपए से कम होती है। तथा बुढ़ापे में ये कम नहीं मिलने के चलते बहुत बुरी परिस्थिति से गुजरते है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 में कहा की प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से 10 करोड़ गरीब कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है।
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भारत में कम करने वाले सभी मजदूर में मेने से एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों का है ये लगभग सभी मजदूरों का 90% है इसमें लगभग 40 करोड़ लोग आएंगे।
ऐसे कामगारोंसरकार की और से घोषित मूल बहुत सुविधा के साथ न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता और न ही पेंशन या हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सोशल सिक्यॉरिटी मिल पाती है ।
इसलिए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाते हुए इन लोगो के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की सुरुवात करने की घोषणा की है इसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगो को रजिस्ट्रेशन करवा कर 100 मासिक जमा करना होगा बाकि का योगदान साकार करेगी और जब निवेश करने वाले व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष हो जाएगी तो उसे 3000 मासिक पेंशन दी जाएगी।