
अगर आप ने नई नई नौकरी या कोई बिज़नेस करना शुरू किया है तो आप ने इनकम टैक्स के बारे में सुना होगा पर आप के मन में ये सवाल जरूर उठा होगा की इनकम टैक्स (IT) क्या है और ये क्यों जरुरी है। तो आइये जानते है की इनकम टैक्स (IT) क्या है और ये किस काम में आता है और अगर आपको इनकम टैक्स भरना हो तो आप कैसे इसे भरेंगे और कैसे आप इनकम टैक्स की धरा 80 के तहत इनकम टैक्स बचा सकते है।
अगर हम आसान शब्दो में समझे तो इनकम टैक्स (IT) आप की इनकम मतलब कमाई पर भारत सरकार द्वारा लगाए जाने वाला कर है। जो की आप की इनकम के हिसाब से अलग अलग होगा। उदहारण के लिए अगर आप की इनकम ज्यादा है तो आप को काम इनकम के मुकाबले ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। इसके लिए भारत सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब बनाये है जो की 2.5 लाख 5 लाख और 20 लाख है आप की साल भर की इनकम सभी श्रोत से जितनी है उसके अनुसार ही आप को इनकम टैक्स देना पड़ेगा।
इनकम टैक्स (IT) क्यों किया जाता है?
इनकम टैक्स आज से नहीं बहुत पुराने समय से लिया जाने वाले कर है पहले इसे कर के रूप में जाना जाता था जो किसानो की उपज या व्यवसाई द्वारा बेचे गए सामान के अनुसार लिया जाता था। लिए गए कर से राजा अपने राज्य के लोगो के लिए कार्य करवाता था। इसी प्रकार आज भी सरकार लोगो से लिए गए इनकम टैक्स (IT) से उसके लिए कार्य करवाती है जैसे रोड, पानी बिजली सिचाई के संसाधन, देश के रक्षा के लिए सेना पर खर्च अन्य व्यवस्था के लिए कर्मचारियों की वेतन आदि में खर्च करती है।
टैक्स कितने प्रकार के होते है?
मुख्य तह टैक्स 2 प्रकार के होते है पहले प्रत्यक्ष कर जिसे हम इनकम टैक्स के नाम से जानते है और दूसरा अप्रत्यक्ष कर जिसे हम सामने की खरीद पर दिए गए टैक्स को बोलते है। जैसे आप कोई सामान खरीदते है जो उस सामान पर आप को कुछ टैक्स चुकाना होता है जिसे आज हम GST के नाम से भी जानते है।
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दोनों ही टैक्स को सरकार द्वारा वसूला जाता है इनकम टैक्स हर साल के अंत में प्रत्यक्ष व्यक्ति द्वारा, किसी फर्म, कंपनी, सयुक्त परिवार द्वारा भरा जाता है, जबकि किसी प्रोडक्ट पर लगने वाले टैक्स को उसकी बिक्री के अनुसार बेचने वाले विक्रेता को देना पड़ता है।
इनकम टैक्स (IT) के लिए सविधान में क्या प्रावधान है?
भारतीय सविधान में अनुसूची 7 में सरकार को भारत के लोगो से जिनकी इनकम कृषि से नहीं से टैक्स वसूलने का प्रावधान दिया है। इनकम टैक्स नागरिकों और संस्थाओं पर कैसे लगेगा तथा उसकी सरत क्या रहेगी इसका विवरण इनकम टैक्स कानून 1961 और इनकम टैक्स कानून, 1962 में विस्तृत वर्णन है।
केंद्र सरकार की संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (यानी CBDT) भी इस संबंध में समय-समय पर निर्देश जारी करती है. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए आईटीआर फॉर्म CBDT ही जारी करती है।
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टैक्स कानून (ITA) के सेक्शन 10(1) में प्रावधान बनकर खेती से होने वाली आमदनी को इनकम टैक्स (IT) या आयकर में सम्मलित नहीं किया है मतलब कृषि से होने वाली आमदनी पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है। इसके साथ ही कृषि भूखंड की बिक्री से होने वाली आय भी कर मुक्त है कृषि आय में किन किन को कृषि आय के दायरे में रखा गया है इसका पूर्ण विवरण आप को इनकम टैक्स (IT) कानून के सेक्शन 2(1A) में मिलेगा।
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Income tax kya hai or ye kis kaam me aata hai ye aap ne bahut hi achhe se samjhaya hai please aap income tax file kaise kare hindi me bhi samjhaiye
सर अगर हम इनकम टैक्स नहीं भरेंगे तो कटा होगा क्यों की मेने ३ साल से इनकम टैक्स नहीं भरा है और मेरी आय 2 लाख 80 हजार है
aap ne bahut hi achhi post likhi hai dhanyawad
sir income tax dhara 80C me koun koun si dhara hai jisme hum income tax bacha sakte hai
Section 80CCC 1,50,000
Section 80CCD 1,50,000
Section 80CCF 20,000
Section 80CCG 25,000