
बहुत से लोगो को पता नहीं होता है की उनका सिबिल (CIBIL) स्कोर क्या है और ये किस काम में आता है। पर बैंक की टर्म में सिबिल (CIBIL) स्कोर बहुत ही जरुरी है। सिबिल (CIBIL) स्कोर से आप ये जान सकते है की बैंक आप को लोन देगा या नहीं। और बैंक को लोन देने के लिए कितना सिबिल (CIBIL) स्कोर चाहिए।
सिबिल (CIBIL) स्कोर एक तीन अंक का एक स्कोर होता है जिसे आप जटिल कैलकुलेशन के द्वारा पता कर सकते है आप का लोन बहुत कुछ आप के सिबिल (CIBIL) स्कोर पर ही निर्भर करता है पर इसके लिए एक और जरुरी चीज है वो है आप अपने अपना पुराना लोन किस ट्रेंड में चुकाया।
इसका मतलब ये है की अगर आप अपना लोन ईमानदारी से चूकते है तो बैंक आप को लोन ईमानदारी से दे देगा अगर नहीं तो ये आप को अच्छे सिबिल (CIBIL) स्कोर को भी ख़राब कर सकता है।
सिबिल (CIBIL) स्कोर क्या होता है।
सिबिल स्कोर एक जटिल कैलकुलेशन कर के एक तीन अंको का स्कोर प्राप्त होता है उसे हम सिबिल स्कोर कहते है। सिबिल स्कोर की कैलकुलेशन में आप की पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री को जोड़ा जाता है साथ ही खातों का विवरण पुराना लोन अमाउंट क्रेडिट कार्ड के पेमेंट हिस्ट्री आदि चीजों से किया जाता है।
CIBIL स्कोर कैसे कैलकुलेट किया जाता है?
सिबिल स्कोर के कैलकुलेशन में 4 महत्वपूर्ण बाटे होती है जो की आप के सिबिल स्कोर का निर्धारण करती है –
- 1 . पेमेंट हिस्ट्री – आपके द्वारा पुराने किये गए लेनदेन से आपकी सिबिल स्कोर प्रभावित होता है अगर आप ने कभी भूतकाल में ईएमआई भरना या डिफॉल्ट में आप की सिबिल स्कोर नेगेटिव जाता है।
- 2 . क्रेडिट मिक्स – मिलेजुले सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन होने का आपके क्रेडिट स्कोर पर सकारात्मक असर होता है।
- 3 . बार-बार पूछताछ: बार-बार पूछताछ भी आप के सिबिल स्कोर पर नकारात्म प्रभाव डालती है अगर आप अपने लोन के बारे में बार बार पूछताछ करते है तो ये आपके सिबिल स्कोर को निचे ले जाती है।
- 4 . हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन : हाई क्रेडिट यूटिलाइजेशन का मतलब है आप पर और ज्यादा लोन का होना और अधिक लोन होना आप के सिबिल स्कोर को नकारात्म करती है।
अपना CIBIL स्कोर कैसे सुधारे
अगर आप का CIBIL स्कोर अच्छा नहीं है तो आप निम्न प्रकार से अपना CIBIL स्कोर को सुधर सकते है –
- अगर आप पर बैंक के कुछ बकाया भुक्तान है तो उन्हें समय पर आखरी डेट से पहले भरे, लेट पेमेंट किसी के भी CIBIL स्कोर के लिए अच्छा नहीं होता है।अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग अधिक मात्रा में न करे अपने खर्चे काम करे।
- होम लोन और व्हीकल लोन जैसे सुरक्षित तथा पर्सनल लोन क्रेडिट कार्ड जैसे असुरक्षित लोनो के बीच एक संतुलन बनाये।
- जॉइंट अकाउंट होने पर अपने पार्टनर के क्रेडिट स्कोर पर भी नजर रखे। कभी कभी आप के जॉइंट अकाउंट पार्टनर की वजह से भी अपना क्रेडिट स्कोर नेगेटिव होता है।
- समय समय पर अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को चेक करे उसकी नकारात्म तथा सकारात्म पहलू पर विचार करे।